होंठो ने मुस्कुराने से मना कर दिया..
आंसुओं ने बह जाने से मना कर दिया..
एक बार जो दिल टूटा प्यार में..
फिर इस दिल ने दिल लगाने
से मना कर दिया..
आंसुओं ने बह जाने से मना कर दिया..
एक बार जो दिल टूटा प्यार में..
फिर इस दिल ने दिल लगाने
से मना कर दिया..
Ajeeb halaat ho gayi hai dil ki,
Na tu iski hui aur na ye mera raha
Na tu iski hui aur na ye mera raha
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
Woh Toh Apna Dard Ro-Ro Kar Sunate Rahe,
Humari Tanhayion Se Bhi Aankh Churate Rahe.
Humein Hi Mil Gaya Khitab-e-Bewafa Kyunki,
Ham Har Dard Muskura Kar Chhupate Rahe.
Humari Tanhayion Se Bhi Aankh Churate Rahe.
Humein Hi Mil Gaya Khitab-e-Bewafa Kyunki,
Ham Har Dard Muskura Kar Chhupate Rahe.
Log Jalte Rahe Meri Muskaan Par,
Maine Dard Ki Apne Numaish Na Ki,
Jab Jahan Jo Mila Apna Liya,
Jo Na Mila Uski Khwahish Na Ki.
Maine Dard Ki Apne Numaish Na Ki,
Jab Jahan Jo Mila Apna Liya,
Jo Na Mila Uski Khwahish Na Ki.
ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते.
मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ ….. अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले…
अभी ज़रा वक़्त है, उसको मुझे आज़माने दो. वो रो रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो।
तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया, मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही.
अखबार तो रोज़ आता है घर में, बस अपनों की ख़बर नहीं आती.
घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हु.
अफ़सोस होता है उस पल जब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है.. ख्वाब हम देखते है.. और हक़ीक़त कोई और बना लेता है.
वो गुस्से में तेरा लब से मेरे सिगरेट हटा देना-उसी दिलकश अदा की याद में अब कश लगाते हैं.
हम भी किसी की दिल की हवालात में कैद थे..!! फिर उसने गैरों के जमानत पर हमें रिहा कर दिया..!!
अपनी जवानी में रखा ही क्या है, ☝कुछ तस्वीरें यार की बाकी बोतलें शराब की.
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन.
बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ …. कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत.
मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया…. दिल तोड दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझपर लगा दिया.
जो दिल में आये वो करो…. बस किसी से अधूरा प्यार मत करो.
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ….
जो उड गये परिंदे उनका क्या अफसोस करें….यहां तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते हैं…!
तेरे बिना जीना मुश्किल है …! ये तुझे बताना और भी मुश्किल है.
किस किस से वफ़ा के वादे कर रखे हैं तूने ??? हर रोज़ एक नया शख्स मुझसे तेरा नाम पूछता.
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे, इक शहर अब इनका भी होना चाहिऐ.
मै फिर याद आऊंगा उस दिन जब तेरे ही बच्चे कहेंगे-मम्मी आपने कभी किसी से प्यार किया ?
हमारी चर्चा छोडो दोस्तों, हम ऐसे लोग है जिन्हें, नफरत कुछ नहीं कहती और मोहब्बत मार डालती है.
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं.
चाहत से ज्यादा, चाहने की चाहत, मुझे भी थी उसे लेकिन क्या फायदा ऐसी चाहत का, जो चाहकर भी ना बन सके मेरी चाहत.
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम, शहर में भीड़ इतनी भी न थी..पर रोक दी तलाश हमने, क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये हैं.
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाहत.
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है .. पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में.
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिये.
हजारो गम है सीने मे मगर शिकवा करें किस से… इधर दिल है तो अपना … उधर तुम हो तो अपने.
भरोसा जितना कीमती होता है– धोका उतना ही महँगा हो जाता है.
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी…… पहले पागल किया..फिर पागल कहा..फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.
मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में , मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतों का , मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है.
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है.
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाते.
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम.
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है.
वो जा रही थी और मैं खामोश खड़ा देखता रहा, क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते.
इतना कुछ हो रहा है..दुनिया में, ……क्या तुम मेरे नही हो सकते.
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो…एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नही.
अब अकेला नहीं रहा मैं यारों …. मेरे साथ अब मेरी तन्हाई भी है.
किसी को प्यार करो तो इतना करों की उसे जब भी प्यार मिलें… तो तुम याद आओ.
रोज़ ख्वाबों में जीता हूँ वो ज़िन्दगी … जो तेरे साथ मैंने हक़ीक़त में सोची थी.
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी .. अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं.
उनके हाथ पकड़ने की मजबूती जब ढीली हुई तो एहसास हुआ शायद ये वही जगह है जहां रास्ते बदलने है.
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे,और वो औरो से मिलने का इलज़ाम लगा रहे है.
रात भर जागता हूँ एक एसे सख्श की खातिर… जिसको दिन के उजाले मे भी मेरी याद नही आती है.
तेरे होने तक मैं कुछ ना था…. तेरा हुआ तो मैं बर्बाद हो गया.
भरम है .. तो भरम ही रहने दो …. जानता हूं मोहब्बत नहीं है …पर जो भी है … कुछ देर तो रहने दो.
लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कल…..एक खुराक तेरे दीदार की चाहता है.
इश्क लिखना चाहा तो कलम भी टूट गयी….ये कहकर अगर लिखने से इश्क मिलता तो आज इश्क से जुदा होकर कोई टूटता नही.
तू हजार बार रुठेगी फिर भी तुझे मना लूँगा …तुझसे प्यार किया हे कोई गुनाह नही, जो तुझसे दूर होकर खुद को सजा दूँगा.
वो सुना रहे थे अपनी वफाओं के किस्से हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गये.
आज के बाद ” ये रात और तेरी बात ” नहीं होगी.
टूट कर चाहा था तुम्हे और तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे.
काश तू मेरी मौत होती तो एक दिन मेरी ज़रूर होती.
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें, यहाँ☝हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है.
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमें कोई बुराई थी , सब नसीब का खेल है , बस किस्मत में जुदाई थी दिया.
मोहब्बत भी हाथों में लगी मेहँदी की तरह होती है- कितनी भी गहरी क्यों ना हो फीकी पड़ ही जाती है.
भुला देंगे तुमको ज़रा सब्र तो कीजिये , आपकी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा हमे.
अबकी बार सुलह करले मुझसे ए दिल वादा करता हूँ की फिर नहीं दूँगा तुझे किसी ज़ालिम के हाथों मै.
मगर वो एक शख्स ही मेरी आखिरी मोहब्बत है.
कहाँ पूरी होती है दिल की सारी ख्वाइशें —- कि बारिश भी हो , यार भी हो …. और पास भी हो.
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